Guru Purnima 2024 Date and Time : दोस्तों हम जानते है की भारत में शरू से गुरुवो का बहुत आदर सत्कार किया जाता है | भारत देश में पुराने समय से ही ऋषि मुनियो का बोल बाला रहा है | प्राचीन समय में शिष्य अपने गुरु जनो के लिए अपने जान पर खेल जाते थे | यहाँ तक की बड़े बड़े राजा महाराजा और चक्रवती सम्राट भी अपने गुरु को अपना आदर्श मानते थे | आज के समय में भी भारत के लोग अपने गुरु का बहुत सम्मान करते है |
इस सम्मान को व्यक्त करने के लिए ही हमारे देश में गुरु पूर्णिमा बनायीं जाती है | इस लेख में हम आपको गुरु पूर्णिमा के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है की गुरु पूर्णिमा क्या है इसका इतिहास और गुरु पूर्णिमा 2024 का तारीख और समय क्या है | यह सब जानने के लिए आपको यह लेख पूरा पढ़ना चाहिए |
Guru Purnima क्या है ?
दोस्तों हम जानते है की हमारे देश में प्राचीन काल से ही गुरु का सम्मान किया जा रहा है | एक आम नागरिक से लेकर बड़े बड़े राजा महाराजा भी अपने गुरु का बहुत आदर करते थे | इस प्रथा को आज भी हमारे देश में बखूबी निभाया जा रहा है वैसे गुरु का सम्मान जीवन भर किया जाता है लेकिन गुरु से मिलने वाले ज्ञान और शिक्षा के महत्व को बताने के लिए एक खास दिन को तय किया गया है इस खास दिन को हम गुरु पूर्णिमा के नाम से जानते है |
Guru Purnima क्यों मनाई जाती है ?
गुरु पूर्णिमा एक खास दिन होता है उस दिन हम पाने गुरु के आदर्शो और विचारो को याद करते है और उनके सम्मान में यह दिन पुरे देश में धूम धाम से बनाया जाता है | इस गुरु पूर्णिमा के बारे में एक बात बहुत प्रचलित है की इस दिन शिव जी ने अपनी आँखे खोल कर उन सात ऋषियों को शिक्षा प्रदान की थी जिन्हे हम सप्त ऋषि के नाम से भी जाना जाता है |
गुरु पूर्णिमा को बनाने के पीछे और भी कई खास कारण है जैसे की इस दिन हमारे महान गुरु वेदव्यास जी का जन्म हुआ था ऐसी दिन कई महाभारत और वेद पुराणों की भी रचना हुई थी | गुरु पूर्णिमा के दिन ही श्री कृष्णा ने अपने शिष्य और गौतम बुद्ध ने भी अपने शिस्यो को ज्ञान प्रदान किया था | ऐसी लिए गुरु पूर्णिमा का बहुत ही खास महत्व है | ऐसे पुरे भारत वर्ष में बहुत ही धूम धाम से बनाया जाता है |
गुरु पूर्णिमा कब की है ?
दोस्तों यदि आप भी आप भी गुरु पूर्णिमा 2024 की तारीख को लेकर परेशान है तो आपको बता दू की गुरु पूर्णिमा 2024 में 21 जुलाई 2024 को है और ऐसी दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा भी है | इस बार 2024 में आषाढ़ मास की पूर्णिमा की शुरुवात 20 जुलाई 2024 को 5:59 मिनट से लेकर 21 जुलाई 2024 को 3:46 मिनट पर समाप्त हो जायेगा | इस गुरु पूर्णिमा 2024 को लेकर अलग अलग लोगो के अलग अलग मत भी हो सकते है |
गुरु पूर्णिमा के दिन किसकी पूजा करते है ?
गुरु पूर्णिमा के दिन हम अपने गुरुजनो का सम्मान करते है जिनके मार्गदर्शन में चलकर हम अपने लक्ष्य हांसिल करते है | इन्ही गुरुजनो के द्वारा दी गयी सीखhume एक बेहतरीन इन्सान बनाती है | दोस्तों हम जानते है की गुरु पूर्णिमा के दिन हमारे देश के महान गुरु वेदव्यास जी का जन्म हुआ जिन्होंने कई वेद पुराणों की रचना की है | ऐसी गुरु पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को जीवन जीने का उपदेश दिया था | यही सब करने से हम गुरु पूर्णिमा को मनाते है |
गुरु पूर्णिमा कैसे बनाया जाता है ?
दोस्तों गुरु पूर्णिमा हमारे गुरु जनो का सम्मान करने का एक खास पर्व होता है | गुरु पूर्णिमा को हमारे देश में बहुत ही धूम धाम से बनाया जाता है इसको हर कोई अपने हिसाब से मानता है पर इसका लक्ष्य एक ही होता है की अपने गुरु के प्रति आदर भाव व्यक्त करना | गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरु का आदर सत्कार करने के लिए उनका आशीर्वाद लेते है उन्हें कुछ उपहार भी दे सकते है | गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का जीवन में महत्व बताने के लिए अनेक कार्यकर्मो का भी आयोजन किया जा सकता है | इस दिन कुछ लोग मंदिर मर जाकर पूजा भी करते है और दान पुण्य भी कर सकते है |
Guru Purnima 2024 Date and Time
दोस्तों गुरु पूर्णिमा का की सही तारीख और दिन की बात करे तो गुरु पूर्णिमा को मनाने की सही तारीख 20 जुलाई 2024 में 5 बज कर 59 मिनट पर शुरू होगी और इस तारीख का समापन 21 जुलाई को 3 बजकर 46 मिनट पर होगा |
गुरु पूर्णिमा को किस देवता की पूजा की जाती है ?
दोस्तों गुरु पूर्णिमा के दिन ही हमारे महान गुरु वेदव्यास जी का जन्म हुआ था इस दिन इन्होने बहुत सारे धर्म ग्रंथो की रचना की थी | इसलिए इस दिन वेदव्यास जी बड़े आदर के साथ यद् किया जाता है | गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जानते है | इस दिन लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है | गुरु पूर्णिमा के दिन जो चंद्र देवता है अपने पूरे स्वरूप में आ जाते है |
Guru Purnima 2024 का शुभ मुहर्त
यदि आप भी गुरु पूर्णिमा में दान पुण्य का सोच रहे है तो आपको बता दू की इस दिन अभिजीत मुहर्त को दान पुण्य के लिए सबसे शुभ माना गया है इस अभिजीत मुहर्त के शुरुवात दोपहर में 12:01 से 12:55 तक रहेगा और शाम के समय यह शुभ मुहर्त 07:24 से लेकर 8:25 तक रहेगा | इस दिन हमारे वेदो में और शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहर्त में उठना चाहिए |
गुरु पूर्णिमा में हमे क्या करना चाहिए ?
गुरु पूर्णिमा के दिन हमे जल्दी ब्रह्म मुहर्त में उठकर नहा लेना चाहिए | इस दिन को हमे गुरु और माता पिता के लिए समर्पित करना चाहिए हम जिस किसी को भी अपना गुरु मानते है उनका आशीर्वाद लेना चाइये | हम उन्हें उपहार के रूप में कुछ गिफ्ट्स भी दे सकते है | इस गुरु पूर्णिमा के दिन आप दान पुण्य का काम भी कर सकते है इससे आपको धन और यश की प्राप्ति होती है | इस दिन हम अपने घर में कोई पूजा और अनुष्ठान भी कर सकते है | जो भी इंसान इस दिन जल्दी उठकर नहा लेता है और पवित्र हो जाता है उसके सारे समस्याए दूर हो जाती है |
गुरु पूर्णिमा में गुरु को क्या गिफ्ट दे सकते है ?
यदि आप भी परेशान है की गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु को क्या देना उचित रहेगा तो हम आपको यहाँ कुछ विकल्प सुझा रहे है | दोस्तों गुरु पूर्णिमा के दिन आप गुरु के प्रति आदर भाव को व्यक्त करने के लिए ऊँचे कुछ गिफ्ट्स भी दे सकते है जरुरी नहीं है की यह गिफ्ट्स बहुत महंगे हो | गुरु पूर्णिमा के दिन आप अपने गुरु को कलम गिफ्ट्स के रूप में दे सकते है क्यूंकि एक गुरु का कलम के साथ अटूट रिश्ता माना जाता है |
आप उन्हें अनमोल गिफ्ट्स के रूप में उनकी कोई सुन्दर सी तस्वीर भी बनाकर दे सकते है | गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु को आप कोई शॉल या सूती साड़ी भी गिफ्ट कर सकते है | यदि आप का बजट ज़्यादा है तो आप गुरु को गिफ्ट के रूप में सोना या चांदी का सिक्का भी दे सकते है |
गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि
दोस्तों हम आपको यहाँ गुरु पूर्णिमा में होने वाली पूजा की एक सरला विधि बताने जा रहे है | गुरु पूर्णिमा के दिन आपको ब्रह्म मुहर्त में उतर नहा लेना चाहिए | इसके बाद अपने पूजा घर की सफाई कर भगवान् विष्णु लक्ष्मी माता और वेदव्यास जी प्रतिमा को तिलकर अपना व्रत आरम्भ करे | इसके बाद आपको गुरु चालीसा का पाठ करे और सभी प्रतिमाओ को खीर फल आदि अर्पित करे साथ ही गुरु पूर्णिमा कथा बह करे | फिर यह सब करने के बाद आपको अंत में सत्यनारायण जी की आरती कर लेना चाहिए |
गुरु पूर्णिमा का महत्व
दोस्तों अगर पुराणी मान्यताओं की माने तो इस दिन वेदव्यास जी का जन्म हुआ था इसलिए गुरु पूर्णिमा का दूसरा नाम व्यास पूर्णिमा भी है | इस दिन वेदव्यास जी ने अपने शिष्यों को उपदेश दया था और इस दिन उन्होंने वेदो और पुराणों की भी रचना की थी | इस दिन लोग अपने अपने गुरुजनो का आशीर्वाद लेते है | इस दिन यदि कोई भी दान पुण्य करता है तो उसको यश और धन की प्राप्ति होती है | गुरु पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहर्त में नहाने से व्यक्ति के सभी परेशानी दूर हो जाते है |