Kalashtami 2024 Date and Time : जानिए कालाष्टमी का सही तारीख,  समय , शुभ मुहर्त , पूजा विधि और  महत्व 

Kalashtami 2024 Date and Time : जानिए कालाष्टमी का सही तारीख,  समय , शुभ मुहर्त , पूजा विधि और  महत्व 

Kalashtami 2024 Date and Time : दोस्तों , सावन के शुरू होते ही बहुत सारे त्यौहार आ जाते है जिनमे से एक खास त्यौहार कालाष्टमी का भी है | हमारे वेदो और पुराणों में इस कालाष्टमी त्यौहार का बहुत ही महत्त्व है | इस त्यौहार को कालाष्टमी इस लिए कहा जाता है क्यूंकि इस दिन कालभैरव प्रकट हुए थे | जो भी व्यक्ति कालाष्टमी के दिन कालभैरव की विधिवत तरीके से और पूरी श्रद्वा के साथ पूजा करता है उसके जीवन में आने वाली सभी समस्याए दूर हो जाती है | सावन के महीने में आने वाले इस कालाष्टमी त्यौहार  का  बहुत ज़्यादा महत्त्व होता है |

दोस्तों कालाष्टमी का त्यौहार हमारे हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कृष्ण  पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है | कालाष्टमी का त्यौहार 27 जुलाई 2024 शनिवार को 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई 2024 रविवार को 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जायेगा |

कालाष्टमी 2024 क्या है ?

दोस्तों कालाष्टमी सावन के महीने में आने वाला एक खास त्यौहार है यह कालाष्टमी का त्यौहार पूरी तरह से कालभैरव को समर्पित किया गया है | कालाष्टमी  त्यौहार इस लिए मनाया जाता है क्यूंकि इस दिन कालभैरव प्रकट हुए थे | हमारी मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है जो भी कालाष्टमी के दिन विधिवत तरीके से कालभैरव की पूजा करता है उन्हें कालभैरव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है | उनके जीवन में कालभैरव की कृपा बने रहे के कारण किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है | कालाष्टमी के दिन मुख्य रूप से काल भैरव की पूजा की जाती है |

कालाष्टमी 2024 शुभ मुहर्त 

दोस्तों 2024 में कालाष्टमी का शुभ मुहर्त 27 जुलाई 2024 शनिवार को 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई 2024 रविवार को 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जायेगा | जो भी व्यक्ति इस मुहर्त में काल भैरव की विधिवत तरीके से पूजा करता है उन्हें काल भैरव का विशेष आशीर्वाद मिलता है | उनके जीवन में आने वाली सभी समस्याए समाप्त हो जाती है | यह कालाष्टमी का त्यौहार पूरी तरह से काल भैरव को समर्पित है जो की भगवान शिव का ही एक अवतार है | साल 2024 में कुल दो अष्टमी आती है कृष्ण अष्टमी और शुक्ल अष्टमी |

कालाष्टमी 2024 कब की है ? (Kalashtami 2024 Date and Time)

दोस्तों कालाष्टमी का त्यौहार सावन के महीने में आता है वर्ष 2024 में कालाष्टमी 27 जुलाई 2024 शनिवार को 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई 2024 रविवार को 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जायेगा |

कालाष्टमी का महत्व 

दोस्तों यदि हमारे वेदो और पुराणों के अनुसार कालाष्टमी के दिन हम कालभैरव की पूजा करते है | यह कालाष्टमी का त्यौहार सावन में इसलिए भी आता है क्यूंकि कालभैरव को शिवजी का सबसे उग्र रूप के रूप में भी देखा जाता है लेकिन शिवजी का यह रूप भी अपने भक्तो से बहुत प्रेम करता है | ऐसा माना जाता है की जो भी व्यक्ति कालाष्टमी के दिन पूरी श्रद्वा और विधिवत तरीके से पूजा करता है कालभैरव उस भक्त के जीवन में आने वाले सभी समस्याओ को दूर कर देते है |

उस भक्त के जीवन में हमेशा धन , यश और खुशहाली की  कोई भी कमी नहीं होती है | आपको कालभैरव के बारे में एक ख़ास बात बता दू की यदि आपका भी कोई केस न्यायालय में चल रहा है चाहे वह जमीन से जुड़ा हो या किसी विवाद से जुड़ा हो तो आपको कालभैरव की पूजा जरूर करना चाहिए | कालभैरव आपकी ये सभी समस्याए आसानी से दूर कर सकते है |

यदि आपकी कुंडली में राहु का कोई भी दोष हो या आपको किसी भी प्रकार के जादू टोना का भय है तो काल भैरव की श्रद्वा भाव के साथ पूजा करने से आपके यह सभी भय दूर हो जायेंगे और आपको कभी भी भय का अनुभव नहीं होगा |

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कालाष्टमी की सही पूजा विधि 

कालाष्टमी की सही पूजा विधि 

दोस्तों आप भी कालाष्टमी के दिन कालभैरव की पूजा कर उन्हें खुश करना चाहते है तो यहाँ दिए गयी पूजा विधि को फॉलो कर सकते है –

  • कालाष्टमी के दिन आपको ब्रम्ह मुहर्त में ही उठ कर नहा लेना चाहिए और उसके बाद साफ और धुले हुए कपडे पहन ले |
  • इसके बाद आपको अपनी पूजा की जगह साफ़ कर लेना है और वहाँ कालभैरव जी की प्रतिमा लगा ले |
  • इसके बाद कालभैरव का पंचमृत लेकर उनका अभिषेक कर उन्हें इत्र लगा  देना है |
  • इसके बाद आपको कालभैरव की प्रतिमा को एक फूलो की माला पहना देना है और तिलक लगा दे |
  • इसके बाद आपको एक सरसो के तेल का दीपक जला लेना है और कालभैरव जी को फल , मिठाई आदि का भी भोग लगा दे |
  • इसके बाद आपको कालभैरव astak  का जाप करना है |
  • अंत में आपको कालभैरव की आरती कर लेना है और आपके कालभैरव को चढ़ाये गए प्रसाद से अपना व्रत खोल कर कुछ गरीब लोगो को खाना भी खिला सकते है |
  • इस प्रकार आप कालभैरव की सही  विधि से पूजा कर सकते है |

कालाष्टमी पर क्या चढ़ाना चाहिए ?

दोस्तों काल भैरव के प्रकट होने के कारण ही कालाष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है काल भैरव को भगवान शिव का उग्र रूप माना जाता है | कालभैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति को किसी भी काले जादू आदि से डरने की आश्यकता नहीं है | काल भैरव को प्रसाद के रूप में हम फल या कोई भी सात्विक मिठाई चढ़ा सकते है | कालभैरव की पूजा में हम उन्हें फूलो की माला और चन्दन का टिक्का लगा सकते है |

कालाष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए ?

दोस्तों कालाष्टमी के दिन हमे किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए कालाष्टमी के दिन ही नहीं हमे वैसे भी किसी का अपमान नहीं करना चाइये इससे सभी देवता क्रोधित हो जाते है और हमे हमारी पूजा का कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होता है | इसके साथ कालाष्टमी के दिन आपको किसी भी प्रकार के मांसहारी भोजन का सेवन नहीं करे | इस दिन हमे अपने किसी भी काम के लिए नुकीली चीज़ का उपयोग नहीं करना चाइये |  एक ख़ास बात और है की कालभैरव की पूजा के लिए किसी भी जानवर को या किसी को भी नुकसान नहीं पहुचाये |

कालाष्टमी के दिन क्या करे ?

कालाष्टमी के दिन  यदि आप काल भैरव को खुश करना चाहते है तो आप गरीबो को खाना खिला सकते है | इसके साथ ही आप काल भैरव की आरती भी कर सकते है उनकी विधिवत तरीके से पूजा आकर सकते है | काल भैरव को निम्बू की माला भी चढ़ा सकते है | प्रसाद के रूप में आप जलेबी , फल या कोई भी सात्विक मिठाई भी चढ़ा सकते है |

2024 में कुल कितनी अष्टमी आती है ?

दोस्तों साल 2024 में कुल दो अष्टमी आती है जिसमे एक अष्टमी कृष्ण पक्ष में आती है और वही दूसरी अष्टमी शुक्ल पक्ष में आती है |  जिसमे कृष्ण अष्टमी की शुरुवात 13 जुलाई 2024 में 3 बजकर 6 मिनट से होकर 14 जुलाई 2024 को 5 बजाकर 26 मिनट पर समाप्त होती है वही शक्ल अष्टमी 27 जुलाई 2024 से शुरू होकर 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई 2024 रविवार को 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जाती है |

मासिक कालाष्टमी क्या है ?

दोस्तों मासिक कालाष्टमी का हमारे भारतीय धर्म ग्रंथो में बहुत बड़ा महत्व है ऐसा माना जाता है जब कोई व्यक्ति मासिक कालाष्टमी को काल भैरव की पूजा करता है तो उससे काल भैरव का विशेष फल की प्राप्ति होती है | यह कालाष्टमी का पवन त्यौहार पुरे देश में धूमधाम से बांया जाता है और ये क्लष्टमी का त्यौहार पूरी तरह से शिवजी के उग्र रूप कालभैरव जी को समर्पित है |  इस कालाष्टमी के दिन आप विधिवत पूजा कर अपना पसंद का वरदान काल भैरव से मांग सकते है |

कालाष्टमी का व्रत कैसे करना है ? 

दोस्तों कालाष्टमी का व्रत करने के लिए आपको सुबह जल्दी  उठकर  नहा कर साफ कपडे पहन लेना है | इसके बाद आपको मंदिर को साफ़ कर कालभैरव की मूर्ति को पंचामृत से अभिषेक कर लेना है | इसके बाद आप उन्हें फूलो की माला चढ़ा कर चन्दन का टिक्का लगा सकते है | फिर आपको उन्हें जलेबी , फल या सात्विक मिठाई का भोग भी लगा सकते है | इसके बाद आपको काल भैरव का अष्टक कर सकते है साथ ही काल भैरव की आरती भी कर सकते है | आप कालभैरव को चढ़ाये गए प्रसाद से अपना व्रत भी खोल सकते है |

इस दिन आप काल भैरव से अपनी गलतियों के लिए माफ़ी मांग कर गरीब आदमियों को खाना भी खिला सकते है | यद् रखे इस दिन किसी भी जानवर या व्यक्ति का अपमान न करे न ही उन्हें किसी भी प्रकार की हानि पहुचाये |

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